जब Crime हो out of control,

तब आवाज उठा के बोल,

आवाज उठा के बोल,

न्याय के लिए कदम बढ़ा के बोल,

Justice is everywhere…

अपराधी क्या जाने अब उसका क्या होगा,

आजादी मिलेगी या जेल के सलाखो के पीछे अब रहेना होगा,

तो फिर अपराध करने से पहले ये सब तुमने सोचा होता,

अब पछताने कुछ हासिल ना होगा,

क्युकी… क्युकी…

Justice is everywhere… ओ भैया

Justice is everywhere…

अरे बहेना Justice is everywhere…

Tension ही Tension हे समाधान कुछ पता नहीं,

समाधान जो मिला तो साला अपराध क्या था पता नहीं,

मन जो तेरा बात बात पे घबराये,खुद को होसला देके अब फुसलाए,

Guilty mind को अब तू समजा ले,

अब तो तू पछता, पछता के सजा पाने तैयार होजा,

क्युकी… क्युकी…

भैया Justice is everywhere… ओ भैया Justice is everywhere…

ओ चाचू Justice is everywhere…